दुनिया को अलविदा कह गए शख्स की ITR
अगर कोई शख्स पहले से ITR फाइल करता रहा है और किसी कारणवश वित्त वर्ष (1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक) के बीच में उसकी मृत्यु हो जाती है, तब भी उसकी रिटर्न भरना जरूरी होता है। यह काम मृतक के वारिस को करना होता है। किसी शख्स की मृत्यु होने पर उसकी रिटर्न इस प्रकार भरी जा सकती है:
इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत
- मृतक का PAN नंबर
- मृतक का पूरा नाम
- जन्मतिथि
- कानूनी वारिस (Legal Heir) की बैंक अकाउंट डिटेल्स
- मृतक के PAN की डिजिटल फोटो (5MB तक के साइज की)
- डेथ सर्टिफिकेट की डिजिटल फोटो (5MB तक के साइज की)
- कानूनी वारिस का सर्टिफिकेट
कानूनी वारिस के सर्टिफिकेट के रूप में इनमें से कोई एक मान्य है:
- कोर्ट की तरफ से जारी सक्सेशन सर्टिफिकेट
- SDM की तरफ से जारी सर्टिफिकेट
- परिवार की ओर से किसी शख्स को कानूनी वारिस बनाने का सहमति पत्र जो SDM की तरफ से जारी होगा
- मृतक की रजिस्टर्ड वसीयत
- जिस बैंक में मृतक का अकाउंट है उस बैंक के लेटर हेड पर बैंक की ओर से जारी लेटर जिसमें मृतक के नॉमिनी या जॉइंट अकाउंट की स्थिति में दूसरे शख्स के बारे में जानकारी हो। यह जानकारी मृत्यु की तारीख तक की होनी चाहिए। लेटर हेड पर बैंक की सील और संबंधित अधिकारी के साइन हों।
डेथ तक का ही ITR
मृतक की ITR 1 अप्रैल से लेकर उस तारीख तक का ही भरा जाता है जिस तारीख को उसकी मौत हुई है। चूंकि मृतक की संपत्ति बाद में वारिसों में बंट जाती है। इसलिए इसके बाद मृतक के वारिसों को अपने हिस्से में आई संपत्ति का जिक्र अपनी-अपनी ITR में करना होगा।
वारिस को करना होगा रजिस्टर
- आॅफिशल वेबसाइट incometax.gov.in पर जाएं और आईडी व पासवर्ड डालकर लाॅगइन करें।
- ऊपर नीले रंग की स्ट्रिप में लिखे Authorised Partners पर जाएं। यहां आपको Register as Representative Assessee लिखा मिलेगा। इस पर क्लिक करें।
- अब नया पेज खुलेगा। यहां खुद को नॉमिनी के तौर पर रजिस्टर करना होगा। यहां नीले रंग के बॉक्स में लिखे Lets Get Started पर क्लिक करें।
- आपको नई रिक्वेस्ट देनी होगी। इसके लिए आपसे कुछ जानकारी मांगी जाएगी।
- अब ऊपर बताए जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे और सबसे नीचे राइट साइड में नीले रंग के बॉक्स में लिखे Continue पर क्लिक करें।
- इसके बाद आगे की कुछ और प्रक्रियाएं अपनानी होंगे। प्रक्रिया पूरी होने के कुछ दिन बाद कानूनी वारिस को आयकर विभाग से उसके रजिस्टर्ड होने की जानकारी मिल जाएगी।
ऐसे भरें मृतक की ITR
- मृतक की ITR भी वैसे ही भरी जाती है जैसे बाकियों की भरी जाती है।
- कानूनी वारिस बनने के बाद वारिस मृत व्यक्ति के खाते में लॉगिन कर सकता है और ITR फाइल कर सकता है।
- अब वारिस को इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर लॉगइन करना होगा। ITR फाइल करने के ऑप्शन में उसे 2 ऑप्शन दिखाई देंगे। पहला खुद का और दूसरा मृतक का।
- मृतक का ITR फाइल करने के बाद वारिस को मृतक का PAN सरेंडर कर देना चाहिए।
- रिटर्न भरे जाने के बाद अगर कुछ रिफंड बनता है तो वह भी मृतक के ही अकाउंट में आएगा। मृतक का अकाउंट बंद होने की स्थिति में कानूनी वारिस रिफंड अपने खाते में लेने के लिए Assessing Officer (AO) से रिक्वेस्ट कर सकता है।
- मृतक के अकाउंट से पैसे निकालने और उसे बंद करवाने के लिए वारिस को उनके बैंक से संपर्क करना होगा।
अगर परिवार के सदस्यों में न हो सहमति तब क्या होगा?
शख्स की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति को लेकर विवाद हो जाता है और संपत्ति का बंटवारा नहीं होता तो ऐसी स्थिति में ITR फाइल के 2 तरीके हैं:
1. परिवार के सभी सदस्य सहमति से AOP (An association of persons) बना सकते हैं। यह एक प्रकार से ट्रस्ट होता है। ऐसे में सभी सदस्य आपसी सहमति से किसी एक को ITR फाइल करने के लिए आगे करेंगे। अगर टैक्स की देनदारी बनती है तो मृतक के अकाउंट से रकम काटी जाएगी, नहीं तो सभी वारिसों को अपने हिस्से से बराबर की रकम देनी होगी।
2. अगर परिवार के सदस्य AOP नहीं बनाते और किसी भी बात पर सहमत नहीं होते हैं तो मृतक का ITR नहीं भरा जा सकता। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग खुद कार्रवाई करेगा और अगर देनदारी बनती है तो मृतक की संपत्ति से टैक्स वसूलेगा।
3. अगर मृतक के बैंक अकाउंट में शामिल नॉमिनी अकाउंट से रकम ले लेता है और उनका ITR फाइल नहीं करता है तो इनकम टैक्स विभाग विरासत में मिली संपत्ति को कब्जे में लेकर टैक्स वसूल सकता है।
मृतक का बैंक अकाउंट बंद हो गया है तब यह प्रक्रिया अपनाएं
अगर किसी कारण से मृतक का बैंक अकाउंट बंद हो गया है तो रिफंड की रकम को क्लेम करना कानूनी वारिस के लिए ऑनलाइन संभव नहीं होगा। इसके लिए ऑफलाइन प्रक्रिया अपनानी होगी। यह प्रक्रिया इस प्रकार है:
- कानूनी वारिस को वारिस होने के सर्टिफिकेट के साथ अपने वॉर्ड के Assessing Officer (AO) के पास जाना होगा।
- AO वारिस से कुछ और जरूरी डॉक्यूमेंट्स मांग सकता है। सारे डॉक्यूमेंट्स मिलने पर AO आगे की प्रक्रिया कर देगा। फिर रिफंड की रकम वारिस के अकाउंट में आ जाएगी।
Helplines
इनकम टैक्स से जुड़ी किसी भी सहायता के लिए इनकम टैक्स विभाग के इन हेल्पलाइन नंबरों पर सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक कॉल कर सकते हैं:
Facebook: Income Tax India (@incometaxindiaofficial)
Twitter: Income Tax India (@IncomeTaxIndia)
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